INB एजेंसी, रिपोर्ट। संसद के दोनों सदनों में आज सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच कई मुद्दों पर तीखी नोकझोंक हुई। राज्यसभा को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि लोकसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा।
दोपहर 12 बजे पहले स्थगन के बाद जब उच्च सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं के अमेरिका स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ कथित संबंधों के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कथित संबंध राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। श्री नड्डा ने आरोप लगाया कि सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए। श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का सम्मान नहीं किया। उपसभापति हरिवंश ने विरोध कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने और सदन को चलने देने का आग्रह किया। विरोध के कारण उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, जब आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों द्वारा कई मुद्दों पर दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के लिए विपक्ष की निंदा की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और सरकार सभापति की छवि खराब करने की हर कोशिश को नाकाम कर देगी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के योगदान की सराहना करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि उपराष्ट्रपति ने हमेशा संविधान के मूल्यों और लोकाचार को कायम रखा और उनके पद का सम्मान किया जाना चाहिए। श्री रिजिजू ने फिर से कांग्रेस नेताओं के अमेरिका स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ कथित संबंधों का मुद्दा उठाया और पार्टी पर देशहित के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सांसद एचडी देवेगौड़ा ने भी सदन में विपक्ष के आचरण की आलोचना की। इस बीच, श्री रिजिजू के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि वे संविधान में विश्वास रखते हैं। उन्होंने एनडीए सरकार पर संविधान में बदलाव करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। हंगामे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
जब सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में बिना किसी व्यवधान के प्रश्नकाल शुरू किया गया। कामकाज पूरा होने के बाद सदन में शून्यकाल शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति का मुद्दा उठाया। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने देश में आंतरिक अशांति के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की विदेशी ताकतों से सांठगांठ है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मामले का निपटारा सरकार ने प्राथमिकता से किया है। श्री गोयल ने कांग्रेस नेताओं के अमेरिका स्थित फाउंडेशन के साथ कथित संबंधों का मुद्दा उठाते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। पहले स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन ने रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया और बाद में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित करने के लिए लाया गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से केवल चर्चा तक ही सीमित रहने और व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचने का आग्रह किया, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही शाम 4 बजे 40 मिनट तक और फिर शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन में हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।