INB एजेंसी, रिपोर्ट। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम-2025 के मसौदे में नागरिकों के डेटा और उनके अधिकारों की सुरक्षा के प्रावधान किये गये हैं। आकाशवाणी समाचार के साथ एक विशेष भेंट में श्री वैष्णव ने कहा कि मसौदा नियमों के तीन प्रमुख घटक हैं। इनमें नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के प्रावधान, बच्चों के लिए संभावित डिजिटल जोखिमों को रोकने के उपाय और नागरिकों को अपने अधिकारों का आसानी से उपयोग करने में सक्षम बनाने के प्रावधान शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ये नियम व्यावहारिक और संतुलित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक देश का प्रमुख हिस्सा बन गई है और यह अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के पिछले वर्ष नवंबर में पारित किये जाने के बाद इसे लागू करने के लिए एक डिजिटल ढांचा तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि लंबे इंतजार के बाद अब इस अधिनियम के अंतर्गत नियमों को अधिसूचित कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस अधिनियम को पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत उल्लिखित सभी भाषाओं में सूचना और नोटिस जारी करने के प्रावधान हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसका उद्देश्य आवश्यक जानकारी और रूपरेखा के साथ डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा के कानूनी ढांचे को मजबूत करना है।
मसौदा नियमों पर हितधारकों से सुझाव भी मांगे गये हैं। इन नियमों में विभिन्न कार्यान्वयन पहलुओं जैसे–डेटा संस्था द्वारा व्यक्तियों को नोटिस, सहमति प्रबंधकों का पंजीकरण और दायित्व, सब्सिडी जारी करने के लिए व्यक्तिगत डेटा का प्रसंस्करण, सुरक्षा उपायों की उपयोगिता और व्यक्तिगत डेटा उल्लंघनों की सूचना का विवरण दिया गया है।