बईया गांव में ओरण बचाओ का मामला.. मामले में सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला, बईया गांव में चल रही निजी सोलर कंपनी और ग्रामीणों के विवाद पर लगा विराम.. जिला प्रशासन ने कंपनी को ओरण की चिन्हित भूमि छोड़ने के दिए आदेश..
जैसलमेर। ओरण मामले में सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला, बईया गांव में चल रही निजी सोलर कंपनी और ग्रामीणों के विवाद पर लगा विराम, अडानी कंपनी ने बईया गांव में 812 बीघा जमीन छोड़ी, राज्य सरकार ने 128 खसरों पर कार्य की दी थी स्वीकृति, अब जिला प्रशासन ने 116 खसरों पर निर्माण कार्य करने की दी स्वीकृति, अतिरिक्त जिला कलेक्टर पवन कुमार ने दिया लिखित आश्वासन, फतेहगढ़ SDM शिवा जोशी, तहसीलदार शिवप्रसाद शर्मा मौके पर मौजूद रहे..
पीछले काफी लंबे समय से रोहिड़ाला ओरण क्षेत्र में कंपनी द्वारा निर्माण कार्य करने पर ग्रामीण कर रहे थे विरोध, ओरण को बचाने की मांग को लेकर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में बईया गांव के ग्रामीण दे रहे थे धरना, ग्रामीणों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने 116 खसरों पर निर्माण कार्य की दी स्वीकृति, बईया गांव के पास अडानी पावर के 600 मेगावाट के सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए आवंटित 128 खसरों में से कंपनी द्वारा गांव के लिए 12 खसरों में 812 बीघा छोड़कर बाकी जमीन पर कार्य किया शुरू, इस मसले पर जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री से यह भी की थी बात, आखिर लम्बे समय से चल रहे ओरण मामले को लेकर विवाद हुआ खत्म, मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात।
ओरण बचाओ संघर्ष में विधायक भाटी की रही अहम भूमिका..
शिव विधायक भाटी ने चलाया था “ओरण हमारी विरासत” X पर ट्रेंड, साथ ही कई दफा भाटी धरना स्थल पर रात्रि विश्राम कर टीम ओरण के साथियों के साथ मजबूत आवाज बुलंद कर चुके हैं। भाटी का ओरण मसले को लेकर कई बार सोलर कंपनियों और प्रशासन से सामना भी हुआ। इस दौरान एक विडियो भी वायरल हुआ था जिसमें भाटी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो युवकों को पुलिस गाड़ी से उतरवाते देखा गया। अब जब ये मसला हल हुआ है तो सोशल मीडिया पर लोग इसका श्रेय विधायक रविन्द्र भाटी को दे रहे हैं ।
भोपाल सिंह ने शुरू की थी ओरण बचाओ मुहिम
टीम ओरण के मुख्य सारथी जैसलमेर जिले के झलोड़ा गांव के निवासी भोपाल सिंह है जो पीछले पांच साल से ज्यादा समय से “ओरण बचाओ” मुहिम चला रहे हैं। इनके निर्देशन में जैसलमेर जिले के आम आवाम किसानों ने ओरण बचाने की मुहीम के लिए कई तरह की ओरण परिक्रमा यात्राएं, ज्ञापन, व्रत-पूजन, संकल्प, धरने आदि पीछले कई सालों से टीम ओरण संघर्ष कर रही है।
भोपाल सिंह झलोड़ा ने बताया कि टीम ओरण का मिशन पूरे जैसलमेर जिले की ओरण, गोचर भूमि को बचाने का है ऐसे में ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी जब तक ओरण भूमि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होती तब तक हमें बिना थके संघर्ष करते रहना है।
“अजे लड़ाई लोंबी हैं मोठीयारों लांठा रैया”-भाटी।
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