INB एजेंसी, रिपोर्ट। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, रिजर्व बैंक और पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड से पूर्वोत्तर के वित्त के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा, क्योंकि इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति अलग है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश के लिए एक समान दिशा-निर्देश नहीं हो सकते। अगरतला में पूर्वोत्तर बैंकर्स सम्मेलन 2024 को संबोधित करते हुए श्री शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह क्षेत्र निवेश आकर्षित करने के मामले में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में औसतन 20 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी जाएगी।
इससे पहले, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पूर्वोत्तर परिषद के 72वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर की ओर विशेष ध्यान दिया है। पिछले दस वर्ष पूर्वोत्तर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार निवेशकों को पूर्वात्तर में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस क्षेत्र में शांति स्थापना सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली सरकार का उद्देश्य पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों के बराबर लाना है। इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस क्षेत्र में उग्रवादी गतिविधियों में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है और इन घटनाओं में मरने वालों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी हुई है।