INB एजेंसी रिपोर्ट। राज्यसभा में आज संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर विशेष चर्चा शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही लोगों को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का अधिकार दिया है। रोजगार के मुद्दे पर श्री खरगे ने आरोप लगाया कि केंद्र हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहा है।
उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम और भूमि सुधार जैसी योजनाओं का उद्देश्य देश में समाजवाद स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि सरकार पर आरक्षण विरोधी है और इसीलिए जातीय जनगणना नहीं करा रही है।
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने कहा कि भारतीय संविधान देश के लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की गारंटी देता है। उन्होंने सरकार पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।
डीएमके के तिरुचि शिवा ने भारतीय संविधान को एक अद्वितीय और स्थायी दस्तावेज बताया। वाईएसआरसीपी के वी. विजयसाई रेड्डी ने कहा कि संविधान एक सामान्य नागरिक के लिए आशा की किरण बन गया है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहा कि भारत विविध भाषाओं, संस्कृतियों, रीति-रिवाजों और परंपराओं का देश है और यह इस संविधान से एकजुट है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के संबंध में कांग्रेस पर संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाया।