केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अंतरिक्ष संचार क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने आत्मनिर्भर अंतरिक्ष संचार क्षेत्र विकसित करने पर ज़ोर दिया है। इसमें सैटेलाइट निर्माण और प्रक्षेपण सेवाओं को शामिल किया जाएगा। बैठक में IN-SPACe की भूमिका और बेहतर इंटरनेट सेवा प्रदान करने पर भी विशेष चर्चा हुई।

हाइलाइट्स

  • सैटेलाइट इंटरनेट पर लंबे समय से हो रही चर्चा..
  • भारत अपना स्पेस कम्युनिकेशन सेक्टर बनाएगा..
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में एक नई मीटिंग की..

INB एजेंसी, रिपोर्ट। सैटेलाइट नेटवर्क की अभी बहुत चर्चा हो रही है। एलन मस्क की स्टारलिंक समेत कई बड़ी कंपनियां अभी इसी रेस में हैं। इस बीच भारत सरकार की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ किया कि सरकार आत्मनिर्भर स्पेस कम्युनिकेशन सेक्टर विकसित करना चाहती है। इसमें सैटेलाइट मैनुफैक्चर और लॉन्च सर्विस को भी शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।

केंद्रीय मंत्री का बयान

कम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 दिसंबर को स्पेस कम्युनिकेशन के मुख्य खिलाड़ियों से मुलाकात की थी। इसमें Eutelsat Oneweb, Jio-SES, Hughes Communications भी शामिल थे। इसमें चर्चा हुई कि लोकल स्पेस सेक्टर को विकसित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात के बारे में अपने आइडियाज को भी X पर शेयर किया था।

सैटेलाइट कम्युनिकेशन पर बड़ा फैसला

उन्होंने लिखा, ‘सैटेलाइट कम्युनिकेशन इकोसिस्टम के मुख्य प्लेयर्स के साथ मीटिंग की। इसमें कई स्टेकहोल्डर्स ने हिस्सा लिया था। भारत को सैटेलाइट कम्युनिकेशन का मुख्य खिलाड़ी बनाने के लिए हमने मुख्य पहलुओं पर चर्चा की । हमने भारत के लिए नए अवसरों पर भी बातचीत की। आत्मनिर्भर भारत को इससे काफी बल मिलेगा।’ विवरण की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे IN-SPACe- एक स्वायत्त केंद्रीय नियामक निकाय, देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इंटरनेट सर्विस पर भी हुई चर्चा

सैटेलाइट कम्युनिकेशन मीटिंग के अलावा, सिंधिया ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के भी कुछ अहम लोगों से मुलाकात की। उन्होंने जानकारी दी, टेलीकॉम सेक्टर को दुरुस्त करने के लिए हमने कई अहम पहलुओं पर चर्चा की। हमारा फोकस था कि कोस्ट को कैसे कम किया जा सकता है ? साथ ही बेहतर इंटरनेट सर्विस को प्रोवाइड किया जा सकता है। क्योंकि अभी ये बहुत ज्यादा मायने रखती है। DoT के अधिकारी और स्टेकहोल्डर्स को भी इसमें शामिल किया गया था।

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