महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन जरूर हो गया है लेकिन अभी मंत्रालयों के बंटवारे का पेंच नहीं सुलझा है। सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे गृहमंत्रालय चाहते हैं।
INB एजेंसी, मुम्बई। महाराष्ट्र में गुरुवार (5 दिसंबर) को भव्य समारोह के बीच देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति की नई सरकार का गठन हो गया। एकनाथ शिंद ने आखिरी समय में डिप्टी सीएम पद ग्रहण करने का फैसला किया। उन्होंने भी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में पिक्चर बाकी है।
अभी मंत्रालयों के बंटवारे का पेंच नहीं सुलझा है। सूत्रों की मानें तो अगर मुंबई में बात नहीं बनी तो दिल्ली तक मामला पहुंचेगा। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय चाहते हैं लेकिन बीजेपी इसे छोड़ने को तैयार नहीं है। शिवसेना की दलील है कि जब एकनाथ शिंदे सीएम थे तो गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था। इसी तरह जब अब शिंदे डिप्टी सीएम हैं तो उन्हें गृह मंत्रालय मिलना चाहिए।
अजित पवार के कुछ विभाग पर शिंदे गुट की नजर!
सूत्रों के मुताबिक अजित पवार ने भी एनसीपी के लिए बड़े मंत्रालयों की मांग रखी है। इस पर भी आने वाले समय में फैसला होना है। अजित पवार के कुछ विभाग पर शिंदे गुट की नजर है, ऐसे में क्या फैसला होता है, इस पर सबकी नजरे हैं। ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी एकनाथ शिंदे को नाराज नहीं करना चाहती है।
फडणवीस के साथ शिंदे ने भी राज्यपाल से की थी मुलाकात
बुधवार (4 दिसंबर) को देवेंद्र फडणवीस ने सरकार गठन का औपचारिक दावा करने के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मिलकर समर्थन पत्र दिया था। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए ठाणे गए हुए थे, जिससे महायुति गठबंधन में आंतरिक कलह की अटकलें लगाई जा रही थीं। उनकी नाराजगी को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा हो रही थी।
बता दें कि महाराष्ट्र में 23 नवंबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। बीजेपी ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 132 पर जीत हासिल की, जो राज्य में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। शिवसेना को 57 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि अजित पवार की पार्टी एनसीपी के खाते में 41 सीटें आईं।