एजेंसी कोलकाता।
चक्रवात दाना ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दस्तक देने वाला है। बंगाल में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। चार दिनों के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। सरकार का दावा है कि एहतियात के सभी कदम उठा लिए गए हैं। वहीं निचले इलाकों से अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवात दाना के कारण नुकसान की आशंका के मद्देनजर बंगाल में हाई अलर्ट है। चक्रवात से मुकाबले के लिए राज्य सरकार व प्रशासन ने पूरी तैयारियां और जरूरी एहतियाती कदम उठाने का दावा किया है।
चार दिन तक स्कूल-कॉलेज बंद
राज्य के तटवर्ती व आसपास के नौ जिलों के सभी स्कूल-कालेजों को बुधवार से शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, निचले इलाकों से अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों (आश्रय गृहों) पर पहुंचाया गया है। चक्रवात को लेकर राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने बुधवार को भी अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की।
340 ट्रेनें रद
चक्रवात के मद्देनजर पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे ने 24 और 25 अक्टूबर को 340 से अधिक लंबी दूरी के मेल-एक्सप्रेस और लोकल ईएमयू ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया है। इनमें दक्षिण पूर्व रेलवे (दपूरे) की करीब 120 मेल-एक्सप्रेस और 52 लोकल ट्रेनें शामिल हैं। दपूरे द्वारा रद ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनों में ओडिशा व दक्षिण भारत की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियां शामिल हैं।
वहीं, पूर्व रेलवे ने सियालदह मंडल की विभिन्न शाखाओं में 24 अक्टूबर को रात आठ बजे से 25 की सुबह 10 बजे तक कुल 190 ईएमयू लोकल ट्रेनों को रद करने की घोषणा की है। पूर्व व दपूरे दोनों का मुख्यालय कोलकाता में है। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐहतियाती उपाय के रूप में यह कदम उठाया गया है।
कब टकराएगा चक्रवात?
भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के अनुसार, इस चक्रवात के गुरुवार देर रात या शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी और बंगाल के सागरद्वीप के बीच तट से टकराने की आशंका है। इस दौरान 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने चक्रवात के कारण दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों- उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झाडग़्राम, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके कारण तटवर्ती जिलों में भारी नुकसान की आशंका जताई गई है। इसको लेकर राज्य प्रशासन सतर्क है।
मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राज्य सरकार ने बुधवार से शुक्रवार तक के लिए मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी है। तटवर्ती क्षेत्रों में लगातार माइकिंग करके भी लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
24 घंटे काम कर रहा नियंत्रण कक्ष
चक्रवात को लेकर राज्य और जिला स्तर पर एकीकृत नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं, जो चौबीसों घंटे काम कर रहा है। सभी डीएम-एसपी को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाने का पहले ही निर्देश दिया गया है। तटवर्ती जिलों में राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ व एनडीआरएफ) की कई टीमों को भी तैनात किया गया है।
तटरक्षक बल भी पूरी तरह तैयार
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने कहा कि वह सतर्क है और उसने बंगाल की खाड़ी के ऊपर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अपने जहाजों और विमानों को तैनात कर दिया है। एनडीआरएफ ने कहा कि उसने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अब तक दक्षिण बंगाल में अपनी 13 टीमें तैनात की हैं।