INB एजेंसी, रिपोर्ट। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों से संबंधित घटनाओं को गंभीरता से लिया है और अपनी चिंताएं वहां की सरकार से साझा की हैं। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज कहा कि भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी। उन्होंने कहा कि इस महीने की 9 तारीख को विदेश सचिव विक्रम मिसरी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी यही बात दोहराई गई। श्री सिंह ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से संबंधित स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों में, श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार राजनयिक चैनलों के माध्यम से हिंसा का मुद्दा उठाती है। इसने पाकिस्तान सरकार से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यक समुदायों पर व्यवस्थित उत्पीड़न और हमलों को रोकने तथा उनकी सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बिगड़ती स्थिति को व्यापक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा  है।


पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों में, श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार राजनयिक चैनलों के माध्यम से हिंसा का मुद्दा उठाती है। इसने पाकिस्तान सरकार से धार्मिक असहिष्णुता, सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यक समुदायों पर व्यवस्थित उत्पीड़न और हमलों को रोकने तथा उनकी सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बिगड़ती स्थिति को व्यापक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा  है।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह।

उन्होंने सदन को बताया कि अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित देश की सरकार की है। अल्पसंख्यक और मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 से 8 दिसंबर, 2024 तक बांग्लादेश में हिंसा के कुल 2 हजार 5 सौ 49 मामले सामने आए हैं, जबकि पाकिस्तान में वर्ष 2022 से इस वर्ष अक्तूबर तक ऐसे चार सौ 56 मामले सामने आए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर अन्य किसी पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है।

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