राजस्थान के एक अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन खरीद कर उसे सोलर कंपनियों को लाखों में बेचा। मामला सामने आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दे दिए है।
INB एजेंसी, रिपोर्ट। राजस्थान के बाड़मेर जिले में कार्यरत RAS अधिकारी पर SDM पद पर रहते हुए प्रतिबंधित क्षेत्र में अपने परिवार के नाम बड़ी मात्रा में जमीन खरीद फरोख्त का मामला सामने आया हैं. RAS अधिकारी ने यह जमीन अपनी मां, भाई और पिता के नाम कौड़ियों के भाव खरीदी और सोलर कंपनियों को महंगे दामों में बेच दी। जहां ये पूरा खेल हुआ वो बाड़मेर का रामसर और गडरा रोड़ इलाका है। जहां बाहरी व्यक्ति को जमीन खरीदना तो दूर प्रवेश तक वर्जित हैं। इन्हें अनुज्ञा जारी करने के मामले में इस SDM की भूमिका संदिग्ध हैं। ये RAS अधिकारी अनिल जैन हैं, जो वर्तमान में रामसर SDM के पद कार्यरत हैं। साथ ही गडरा रोड़ उपखंड अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज भी इसी के पास हैं।
राजस्थान के इस RAS अधिकारी ने किसानों से 2350 बीघा जमीन 10 से 40 हजार रुपए प्रति बीघा के भाव खरीद कर सोलर कंपनियों को 1 लाख रुपए से ज्यादा महंगे दामों में बेच दी।
दबाव बनाकर किसानों से कौड़ियों के भाव खरीदी जमीनें
RAS अधिकारी अनिल जैन को 10 माह बाड़मेर जिले के रामसर उपखंड के SDM पद पर लगाया गया था। इसके बाद मार्च में गडरा रोड SDM का अतिरिक्त चार्ज भी अनिल जैन को दिया गया था। इसके बाद रामसर और गडरा रोड प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर SDM अनिल जैन ने अपने परिवार के नाम करीब 2350 बीघा जमीन 10 से 40 हजार रुपए प्रति बीघा के भाव खरीद कर सोलर कंपनियों को 1 लाख रुपए से ज्यादा महंगे दामों में बेच दी।
रात के अंधेरे में हुआ जमीन बेचने और खरीदने का खेल
यह सारा जमीन बेचने और खरीदने का खेल रात में हुआ SDM द्वारा खरीदी गई लगभग सभी जमीनों की रजिस्ट्रियों का पंजीयन रात में किया गया हैं। SDM द्वारा खरीदी गई ज्यादातर जमीन ऐसी है, जिन पर आपसी बंटवारे या अन्य किसी विवाद के चलते वाद विवाद चल रहे थे। इन जमीनों को SDM द्वारा अपने हक में फैसला करवाने के बाद खरीदा गया था।
सीलिंग एक्ट का भी उल्लंघन
रामसर SDM अनिल जैन पिता टीकम चंद, मां अणसी देवी और भाई कपिल जैन के नाम करीब 2400 बीघा जमीनें पवार ऑफ अटॉर्नी के नाम खरीदी गई। इसमें से 1500 से ज्यादा बीघा जमीन अकेली मां अणसी देवी के खरीदी गई। इन जमीनों की रजिस्ट्रियों में गवाह SDM का भाई कपिल जैन हैं। सबसे बड़ी बात कि सीलिंग एक्ट के अनुसार एक व्यक्ति अधिकतम 437 बीघा जमीन ही खरीद सकता हैं। लेकिन इस मामले में सीलिंग एक्ट की भी धज्जियां उड़ाई गई।
सरकार को मिलने वाली स्टांप ड्यूटी की भी चोरी
इस मामले में सबसे बड़ी बात SDM द्वारा अपने रिश्तेदारों के नाम सिर्फ पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए जमीनों खरीदी गई इस पावर ऑफ अटॉर्नी को पंजीयन कार्यालय से पंजीयन तक नहीं करवाया गया और सीधे थर्ड पार्टी यानी सोलर कंपनियों के नाम रजिस्ट्री कर दी गई इससे सरकार को मिलने वाली स्टांप ड्यूटी की भी चोरी की गई।
ऑफिस बंद होने के बाद रजिस्ट्रियां
इस पूरे खेल में उप पंजीयन कार्यालय रामसर में सभी जमीनों का पंजीयन रात में किया गया। उप पंजीयन रामसर का चार्ज पहले ओमप्रकाश के पास था लेकिन SDM द्वारा खरीदी गई जमीनों की रात में पंजीयन का दबाव आया तो उसने रात में काम करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद SDM ने अपने पद का पॉवर इस्तेमाल कर जिला कलेक्टर को लेटर लिख कर उससे चार्ज लेकर अपने चहेते को दे दिया।
शिक्षक ने जमीन बेचने से इनकार किया तो कर दिया ट्रांसफर
वहीं जमीन खरीद के इस मामले में ऐसे भी मामले सामने आए, इन मामलों में कुछ किसानों की जमीनों पर झूठ विवाद करवाएंगे एक शिक्षक ने जब अपनी जमीन बेचने से इनकार कर दिया तो उसका ट्रांसफर घर से दूर कर दिया। वहीं एक मामले में किसान के ऊपर किसी महिला को बहन बना कर झूठा वाद दर्ज करवाया गया जबकि पीड़ित किसान पुकार करता रहा कि वह उसकी बहन नहीं है। इसके बावजूद SDM ने इस झूठे वाद को दर्ज कर लिया।
बाड़मेर के रामसर के मूल निवासी, डीओपी में जोधपुर का निवासी दर्शाया
आपको बता दें कि SDM अनिल जैन बाड़मेर जिले की रामसर गडरा रोड़ के बालेबा गांव के मूल निवासी हैं। उनके भाई मां-बाप यहीं रहते हैं। लेकिन सरकारी सेवा में डीओपी उनका मूल निवास जोधपुर बताया गया है। इसी आधार पर उन्हें रामसर उपखंड अधिकारी के पद पर पोस्टिंग दी गई हैं।
कलेक्टर टीना डाबी ने जांच के दिए आदेश
मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जांच के आदेश जारी करते हुए नगर विकास न्यास के सचिन श्रवण सिंह राजावत को जांच सौंप गई है लेकिन उसको भी 10 दिन से ज्यादा के समय बीत चुका है लेकिन जांच कहां तक पहुंची इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है।
मामले में आरोपी SDM ने क्या कुछ कहा
वही इस मामले को लेकर SDM अनिल जैन से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे परिवार का पैतृक गांव में पुराना व्यापार है। लोग उनसे ब्याज पर पैसे लेकर जाते हैं। शादी ब्याह में दुकान से किराने का सामान लेकर जाते हैं। जब पैसे वापस नहीं कर सकते तो जमीन देते हैं यह मेरे परिवार का कारोबार है इसमें मेरा कोई संबंध नहीं है।