बाड़मेर जिले से रामसर एसडीएम अनिल जैन का एक और कारनामा सामने आया है। रामसर के दर्जनों ग्रामीणों ने आरएएस अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन सौंपा है।

INB एजेंसी रिपोर्ट। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदकर सोलर कंपनियों को लाखों में बेचने वाले राजस्थान के सरकारी अधिकारी का एक और कारनामा सामने आया है। मामला सरहद के पास बसे बाड़मेर जिले का है। जहां के रामसर एसडीएम अनिल जैन पर बीते दिनों किसानों की 2350 बीघा जमीन सस्ते दामों में खरीदकर सोलर कंपनियों को लाखों में बेचने का आरोप लगा है। इस मामले में एसडीएम अनिल जैन के खिलाफ अभी जांच चल रही है। इस बीच अब रामसर उपखंड क्षेत्र के गागरिया स्टेशन के दर्जनों ग्रामीणों ने अनिल जैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

जिला कलेक्टर टीना डाबी के दफ्तर पर पहुंचकर ग्रामीणों ने लगाए आरोप

मंगलवार को गागरिया के दर्जनों ग्रामीण जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन सौंपकर रामसर SDM अनिल जैन पर गंभीर आरोप लगाएं। ग्रामीणों का कहना है कि SDM ने भू-माफियाओं से मिलीभगत करीब 200 परिवारों को घर से बेघर करने के लिए एक तरफा फैसला किया है। जिसको लेकर ग्रामीणों को नोटिस थमाएं गए हैं, नोटिस में कहा गया है कि जल्द अपने घर खाली कर दो नहीं तो बुलडोजर चला कर तोड़ दिए जाएंगे

एसडीएम अनिल जैन की शिकायत करने बाड़मेर कलेक्ट्रेट पहुंचे दर्जनों ग्रामीण।

भारतमाला हाईवे पर स्थित गागरिया गांव का है मामला

रामसर उपखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भारतमाला हाईवे पर स्थित गागरिया गांव में बसे लोगों को नोटिस थमाएं गए हैं कि जिन जमीनों पर वे काबिज है ये जमीन किसी खातेदार की हैं। इसे खाली कर दें नहीं तो उनके घर तोड़ दिए जाएंगे। इन्हीं नोटिस के विरोध में मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप बताया कि वें गागरिया में जिस जगह रह रहे वहां पर सालों से काबिज हैं।

पट्टे जारी हुए, लोगों ने लोन तक लिया हुआ, अब खाली करने को कह रहे

ग्रामीणों ने बताया कि कोई यहां 50 साल से तो कोई 70 साल से निवासरत हैं। ये भूखंड उन्होंने स्थानीय खातेदार से खरीदे हैं। बाद में जमीन को राजस्व विभाग द्वारा रहवासी आबादी भूमि घोषित कर कई लोगों को पट्टे तक जारी कर दिए। कई लोगों ने इन पट्टों पर बैंकों से ऋण भी उठा लिया। लेकिन हालिया दिनों में कुछ भू-माफियाओं ने एसडीएम रामसर अनिल जैन से मिलीभगत कर सालों से न्यायालय में लंबित प्रकरण में अपने हक में फैसला करवा लिया गया।

लोगों को मिल रहे नोटिस।

ग्रामीणों का आरोप- एसडीएम और भू-माफियाओं में मिलीभगत

ग्रामीणों ने कहा कि उक्त जमीन को अपने खातेदारी और कृषि भूमि घोषित करवाकर करीब 400 की आबादी के इन घरों को 150-60 नोटिस जारी कर इस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताते हुए जमीन के पैसे देने या जमीन खाली करने को कहा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रामसर एसडीएम अनिल जैन ने भू-माफिया के साथ मिलीभगत है।

न्याय नहीं मिला तो अनशन पर बैठेंगे ग्रामीण

इस जमीन पर वे सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहे हैं। लेकिन अब रामसर एसडीएम ने भूमाफियाओं के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें घर से बेघर करने का षड्यंत्र रचा है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर टीना डाबी से मौके पर पहुंचकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है साथ ही चेतावनी दी है कि समय रहते यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठेंगे और हड़ताल करेंगे।

RAS अधिकारी अनिल जैन पहले भी विवादों में

मालूम हो कि रामसर SDM के पद पर कार्यरत RAS अधिकारी अनिल जैन का पहले भी कई विवादों में नाम आ चुका है। कुछ दिन पहले सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा नियमों को तक पर रखते हुए अपने परिवार के नाम किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदने और उन्हें सोलर कंपनियों को लाखों रुपए में लीज पर देने के आरोप लगे थे।

ग्रामीणों ने कलेक्टर टीना डाबी को दी अपनी शिकायत।

सरकार से लेकर उच्च अधिकारियों ने साधी चुप्पी

भारत पाक सीमा के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के चलते सीएमओ ऑफिस के निर्देशों के बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जांच के आदेश देते हुए नगर विकास न्यास UIT के सचिव श्रवण सिंह राजावत को जांच सौंपी थी। लेकिन इस मामले में क्या जांच हुई कहा तक जांच पहुंची इस को लेकर खुद जिला कलेक्टर चुप्पी साधे हुए हैं।

मंत्री बोले- पूरा तथ्य आने पर ही कुछ कहेंगे

मामले में मंत्री जोराराम कुमावत और गुड़ामालानी विधायक और प्रदेश सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के बिश्नोई से इस मामले को लेकर सवाल किए गए तो दोनों मंत्री इस मामले को टालते हुए दिखे। सोमवार को राज्य मंत्री केके बिश्नोई से इस मामले को लेकर जब सवाल किया गया उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का जमाना है कुछ भी चल सकता है इस मामले में पूरी तथ्य सामने आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

रविंद्र भाटी ने भी उठाई जांच की मांग

सीमावर्ती क्षेत्र में इस तरह का मामला सामने आने के बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X एक्स पोस्ट करते हुए लिखा कि “अति संवेदनशील क्षेत्र में लोक सेवकों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखते हुए किए जाने वाली राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होना सभी के लिए चिंता का विषय है। भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर की ज़मीन को बेचना गंभीर मामला है।”

पढ़ें ख़बर विस्तार से..राजस्थान के SDM ने किसानों से कौड़ियों के भाव में खरीदी 2350 बीघा जमीन, सोलर कंपनियों को लाखों में बेच जुटाई चांदी..

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