जयपुर में मुख्यमंत्री के काफिले के साथ एक टैक्सी की टक्कर हो गई। सीएम के काफिल की सुरक्षा में तैनात एक ASI सुरेंद्रसिंह ने अपनी जान की बाजी लगा दी। इस हादसे में कई लोग घायल हुए। टैक्सी चालक को रोका गया था, फिर भी वह काफिले तक पहुंच गया। यह वीआईपी सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है। हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं। मुख्यमंत्री ने उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है।

हाइलाइट्स

  • जयपुर में मुख्यमंत्री के काफिले में एक टैक्सी के घुसने से बड़ा हादसा..
  • हादसे में ASI सुरेंद्र शहीद हुए, DSP अमीर हसन और अन्य कई लोग घायल..
  • इस घटना ने वीआईपी सुरक्षा में बड़ी चूक को उजागर किया है..

INB एजेंसी, रिपोर्ट जयपुर। राजधानी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले के सामने एक टैक्सी के घुसने से बड़ा हादसा हुआ। यह घटना जगतपुरा के अक्षय पात्र चौराहे पर दोपहर साढ़े तीन बजे हुई। टैक्सी ने एक ASI को टक्कर मारी और फिर काफिले की गाड़ियों से टकरा गई। ASI सुरेंद्र, DSP अमीर हसन समेत कई लोग घायल हुए। इलाज के दौरान एएसआई सुरेंद्र ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘आज जयपुर में दुर्भाग्यपूर्ण वाहन दुर्घटना में सहायक उप-निरीक्षक (ASI) श्री सुरेंद्र जी के निधन व अन्य नागरिकों के घायल होने की घटना अत्यंत दुःखद है।’ उन्होंने कहा, ‘इस अपार दुःख की घड़ी में हमारी संवेदनशील सरकार मृतक के परिजनों व घायलों के साथ खड़ी है। इस दुर्घटना के उपरांत संबंधित अधिकारियों को घायलों के समुचित चिकित्सीय उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। मेरी संवेदनाएं शोक-संतप्त परिवार के साथ हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं घायल नागरिकों को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। ॐ शांति’

मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा दीवार बन खड़े हुए ASI सुरेंद्रसिंह
मुख्यमंत्री के काफिले के सामने अचानक एक अर्टिगा कार आ गई। ASI सुरेंद्र उसे रोकने के लिए आगे बढ़े। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए सुरेंद्र ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। वो टैक्सी को रोकने के लिए डटे रहे लेकिन कार ने उन्हें टक्कर मार दी। इसके बाद कार काफिले की बोलेरो से टकराई। पीछे से आ रही दूसरी पुलिस गाड़ी भी टक्कर से बच नहीं पाई। इस हादसे में ASI सुरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। वीआईपी ड्यूटी पर तैनात DSP अमीर हसन, दो पुलिस ड्राइवर, सिपाही देवेंद्र और टैक्सी ड्राइवर पवन को भी चोटें आईं।

3 दिन में वीआईपी सुरक्षा में फिर बड़ी चूक

यह घटना वीआईपी सुरक्षा में एक बड़ी चूक मानी जा रही है। जयपुर में हाल ही में कई बार वीआईपी सुरक्षा में चूक की घटनाएं सामने आई हैं। तीन दिन पहले भी मुख्यमंत्री के काफिले के सामने एक बाइक सवार आ गया था। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के काफिले में पांच युवक घुस गए थे। उसी दिन रात को राज्यपाल के काफिले के सामने भी एक बाइक सवार आ गया था।

…तो टैक्सी कैसे काफिले के सामने पहुंची?

यह घटना जयपुर पुलिस के लिए एक बड़ा सबक है। सवाल यह है कि जब वीआईपी रूट पर ट्रैफिक रोका गया था, तो टैक्सी कैसे काफिले के सामने पहुंची? किसकी गलती से यह हुआ? कौन जिम्मेदार है? पुलिस अधिकारी इसे एक अप्रत्याशित घटना बता रहे हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि जब मुख्यमंत्री सामान्य ट्रैफिक में चलने की पहल करते हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था कैसे सुनिश्चित की जाती है?

पुलिस अधिकारियों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई

इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे, टैक्सी चालक कौन है? वह पुलिस की रोक के बावजूद काफिले के सामने कैसे पहुंचा? क्या पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की? क्या वीआईपी रूट के पहले वाले चौराहों पर ट्रैफिक रोका गया था? इन सभी सवालों के जवाब ढूंढ़ना जरूरी है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने DGP समेत पुलिस अधिकारियों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। पुलिस इस घटना से काफी चिंतित है।

वीआईपी कारकेड की सबसे आगे वाली गाड़ी में थे DSP अमीर हसन

ASI सुरेंद्र ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात थे। टैक्सी सबसे पहले उन्हीं से टकराई। DSP अमीर हसन वीआईपी कारकेड की सबसे आगे वाली गाड़ी में थे। उन्हीं की बोलेरो से टैक्सी टकराई। पीछे से दूसरी बोलेरो भी टकरा गई। इस हादसे में ASI सुरेंद्र को गंभीर चोटें आई हैं। डीएसपी अमीन हसन समेत कई अन्य भी घायल हुए हैं।

सुरक्षा इंतजामात पुख्ता होना जरूरी, समीक्षा के बाद उठाए जाने चाहिए सख्त कदम

यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी खामी को दर्शाती है। इस घटना की पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की जरूरत है। वीआईपी मूवमेंट के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जानी चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियों को सीख लेनी चाहिए और सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करना चाहिए।

इस घटना के बाद पुलिस पर दबाव है। उन्हें इस मामले की पूरी जांच करनी होगी और दोषियों को सजा दिलानी होगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यह सुनिश्चित करना होगा कि वीआईपी की सुरक्षा में कोई चूक न हो। इस घटना के बाद पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करनी होगी और उसमें सुधार करना होगा। यह भी देखना होगा कि ट्रैफिक व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ताकि वीआईपी मूवमेंट के दौरान किसी तरह की असुविधा ना हो।

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