कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अनुच्छेद 370 पर दिए गए बयान से जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान मच गया है। खरगे के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कड़ी आपत्ति जताई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने खरगे पर भाजपा से सहमति जताने का गंभीर आरोप लगाया है।

हाइलाइट्स

  • खरगे ने अनुच्छेद 370 पर भाजपा के हमलों का जवाब दिया था..
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी खरगे से नाराज..
  • अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाजपा से सहमति जताने का आरोप लगाया..
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी।

INB एजेंसी, रिपोर्ट नई दिल्ली। मल्लिकार्जुन खरगे का आर्टिकल 370 पर दिया जवाब जम्मू-कश्मीर में उसकी साथी नेशनल कॉन्फ्रेंस को ही पसंद नहीं आया। कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे ने 370 पर बीजेपी के हमलों का जवाब दिया था, जिसपर एनसी सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी नाराज हो गए। उन्होंने खरगे पर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाजपा से सहमति जताने का आरोप लगाया है। मेहदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की ओर से पारित प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 और 35ए सहित सभी गारंटी को उनके मूल स्वरूप में बहाल करने की मांग की गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे।

खरगे का जवाब उन्हीं के लिए बना मुसीबत

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि अगर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का प्रस्ताव संसद में पारित हो गया है तो भाजपा इस मुद्दे को बार-बार क्यों उठा रही है?मेहदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नए प्रस्ताव का उद्देश्य 1953 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के कथित रूप से असंवैधानिक उन्मूलन और सभी संशोधनों के प्रति लोगों की अस्वीकृति को व्यक्त करना था। उन्होंने कहा कि कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष या जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष इस प्रस्ताव की गलत व्याख्या नहीं कर सकता।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के सलमान निजामी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन में दरार आ गई है। उन्होंने मेहदी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों अनुच्छेद 370 को बंद अध्याय कहते हैं,फिर भी आपकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में है और भाजपा को दोनों को खुश रखने के लिए शॉल उपहार में देती है।

जम्मू-कश्मीर को मिले पूर्ण राज्य का दर्जा

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कर्रा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी,जिसने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक गठबंधन सरकार में शामिल न होने का फैसला किया था,ने कहा कि विधानसभा प्रस्ताव के उद्देश्य के बारे में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मांगने के लिए केवल एक ही चीज बची है,वह है पूर्ण राज्य का दर्जा। हमारे स्पष्ट बयान के बावजूद,भाजपा चुनावी रैलियों में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक चुनावी रैली में कहा था कि कांग्रेस और उसके सहयोगी जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान की साजिश कर रहे हैं। इस घटनाक्रम से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर क्या राजनीतिक घटनाक्रम होते हैं।

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